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Jai Sri Ram

राम मंदिर अयोध्या दर्शन

भारत के दिल में एक ऐसा शहर है जिसमें इतिहास, पौराणिक कथाएँ, और आध्यात्मिकता का आभास होता है – वह है आयोध्या। जिसे भगवान राम के जन्मस्थान के रूप में जाना जाता है, आयोध्या लाखों लोगों के दिलों में विशेष स्थान रखता है। आयोध्या की आध्यात्मिक यात्रा केवल एक तीर्थयात्रा नहीं है; यह एक सांस्कृतिक और धार्मिक चित्रपट के साथ जुड़ने का एक परिवर्तनकारी अनुभव है।

आयोध्या एक ऐसा शहर है जहां आध्यात्मिकता हवा में है। जब आप इसकी प्राचीन गलियों से गुज़रते हैं, तो आप हर कोने में दिव्यता का सार महसूस कर सकते हैं। पवित्र सरयू नदी के साथ शांतिपूर्ण घाट, ऐतिहासिक मंदिर, और भगवान के भजन एक अध्भुत वातावरण बनाते हैं।

प्रमुख दर्शनीय स्थल

राम मंदिर, भगवान राम के जन्मस्थान के रूप में प्रमुख है। राम मंदिर का निर्माण भव्य और विचित्र वास्तुकला के साथ किया गया है। मंदिर की शिखरों से उच्चतम शृंग के साथ, यह एक आकर्षक दृश्य प्रदान करता है। मंदिर की वास्तुकला में विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक सांकेतिकताएं मिलती हैं, जो यहां के आगमन की ऊँचाइयों को दर्शाती हैं। मंदिर का निर्माण भगवान राम के भक्तों के समर्थन में हुआ है और यह भगवान राम के प्रति श्रद्धाभावना और भक्ति का स्रोत है। जब आप मंदिर की प्रांगण में प्रवेश करते हैं, तो आपको वहां की पवित्रता का अद्वितीय आभास होता है।

रामलला की आरती का समय क्या है?

मंगला आरती– सुबह 4.30 बजे
शृंगार आरती– सुबह 6.30 से 7.00 बजे
भोग आरती
– 11.30 बजे
मध्यान्ह आरती – दोपहर 2.30 बजे
संध्या आरती
– शाम 6.30 बजे
शयन आरती – रात 8.30 से 9.00 बजे
भगवान दिन में ढाई घंटे (दोपहर 12 से ढाई बजे तक) विश्राम करेंगे। इस दौरान गर्भगृह के पट बंद रहेंगे।

आरती में कैसे शामिल हो सकते हैं?
पास की ऑफलाइन व्यवस्था:
आरती में शामिल होने के नियम ट्रस्ट तय कर रहा है। अभी ट्रस्ट द्वारा पास बनाया जाता है। ऑफलाइन पास श्रीराम जन्मभूमि कैंप ऑफिस से बनता है। इसके लिए आईडी प्रूफ देना अनिवार्य होता है।
ऑनलाइन व्यवस्था:
https://online.srjbtkshetra.org/#/aarti पर जाकर ऑनलाइन पास के लिए रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है, हालांकि अभी यह व्यवस्था एक्टिव नहीं हुई है।
27 जनवरी से व्यवस्था सामान्य होने की संभावना है। इसके बाद ही आप ऑनलाइन बुकिंग कर पाएंगे।

मौसम और पर्व के लिहाज से अयोध्या जाने का सबसे अच्छा समय मार्च, अप्रैल, मई, अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर के महीने हैं।

अयोध्या में राम मंदिर दर्शन के अलावा भगवान राम से जुड़े और भी कई स्थान हैं। इन स्थानों पर भगवान राम के चिन्ह मौजूद हैं। ये स्थान राम मंदिर के आसपास ही हैं

  1. हनुमानगढ़ी – राम मंदिर से दूरी 500 मीटर
    महत्व- राम मंदिर जाने से पहले हनुमान मंदिर के दर्शन करने की परंपरा रही
    है। मंदिर में जो मूर्ति है, उसमें हनुमान जी मां अंजनी की गोद में हैं।
    खुलने का समय – सुबह 4.00 बजे से रात 10.00 बजे तक खुला रहता है ।
  2. छोटी देवकाली – राम मंदिर से दूरी 1 किमी
    महत्व- यह माता सीता की कुल देवी का मंदिर है। मान्यता है कि उन्होंने यहां
    माता पार्वती की प्रतिमा स्थापित की थी और वे यहां पूजा करने आती थीं।
    खुलने का समय – सुबह से रात तक
  3. नागेश्वरनाथ महादेव दर्शन- 2 किमी दूर
    महत्व- भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर राम की पेढ़ी में स्थित है। ऐसी मान्यता है कि इसका निर्माण श्रीराम के छोटे पुत्र कुश ने करवाया था।
  4. मणिराम दास छावनी- राम मंदिर से दूरी 1 किमी
    महत्व – इस मंदिर में आमने-सामने दो हवेलियां हैं। यहां के वाल्मीकिजी भवन की दो मंजिलों की दीवारों पर संपूर्ण वाल्मीकि रामायण अंकित है।
  5. रामलला सदन- राम मंदिर से दूरी 1 किमी
    महत्व- अयोध्या में यह पहला ऐसा मंदिर है, जिसे द्रविड़ शैली में बनाया गया है। यह भगवान श्रीराम के कुलदेवता भगवान विष्णु के स्वरूप भगवान रंगनाथन का मंदिर है।
  6. दशरथ महल- राम मंदिर से दूरी 700 मीटर
    महत्व– राजा दशरथ ने यह महल बनवाया था, हालांकि बाद में इसका कई बार जीर्णोद्धार हुआ। यहां भगवान राम, माता सीता, लक्ष्मण और भरत की मूर्तियां हैं।
  7. रंग महल- राम मंदिर से दूरी 1 किमी
    महत्व– इस मंदिर के संत खुद को सीताजी की सखी मानते हैं। मान्यता है कि विवाह के बाद इस मंदिर में माता सीता की मुंह दिखाई रस्म हुई थी।
  8. कनक भवन- राम मंदिर से दूरी 1 किमी.
    महत्व– माता कैकेयी ने श्रीराम और देवी सीता को यह भवन उपहार में दिया था। यह उनका व्यक्तिगत महल था। 1885 में ओरछा रियासत की महारानी वृषभानु कुंवरि जूदेवी ने वर्तमान भवन का निर्माण करवाया था। मंदिर के मुख्य गर्भगृह में श्रीराम और माता सीताजी की प्रतिमा स्थापित है।
    खुलने का समय – सुबह 9.00 बजे से दोपहर 11.30 बजे तक और शाम 4.30 से रात 9.30 तक।
  9. सीता रसोई – राम मंदिर से दूरी 1 किमी.
    महत्व – राम जन्म भूमि के उत्तर-पश्चिमी किनारे पर स्थित सीता की रसोई एक प्राचीन रसोई है। इसका उपयोग सीताजी किया करती थीं।
    खुलने का समय – सुबह से रात तक ।
  10. सरयू तट- राम मंदिर से दूरी 2 किमी
    महत्व – अयोध्या में 14 प्राचीन घाट हैं। हर घाट से जुड़ी कुछ प्राचीन मान्यताएं है। पर्व के समय इन घाटों पर भक्त पवित्र स्नान करने जुटते हैं।
    भगवान राम की नगरी अयोध्या में सरयू तट पर शाम की आरती 6 से 7 के बीच में होती है।

Team MatarGasti